
अच्छा था !
खेलना भी अच्छा था,
बढ़ना भी अच्छा था
बढे तो बिगड़ना भी अच्छा था
फिर जब ठोकर लगी,
तो चोट का लगना भी अच्छा था
चोट का लगना दिल का दुखना,
ज़िन्दगी का बदलना भी अच्छा था .
अच्छा था जो तू रोया
यूँ रोया तो इंसान होने की पहचान दी
न रोता तो क्या समझते
मुर्दों सी अकड़ में जीता था
फूट के रोना भी अच्छा था.
फिर उम्मीद मिली .
उम्मीद का आना भी अच्छा था
तेरा क़दमों पे खड़ा होना भी अच्छा था
उम्मीद जो टूटी हो
तो उसका टूटना भी अच्छा था.
तेरा भटक जाना अच्छा था
भटक के राह खोजी जो तूने
राह पे चलना मुश्किल था,
कड़ी धुप में तेरा पकना भी अच्छा था.
सोने सा निखर तू
देख तेरा हीरे सा मज़बूत होना भी अच्छा था.
अच्छा ही था जो थक के हार न मानी
हार के संघर्ष से,
सड़क के किनारे न बैठा तू,
तेरा चलते रहना भी अच्छा था.
कुछ चुभा जो कंकर पाओं में
थोड़ा रक्त भी छपा राहों पे,
उस दर्द का उठना भी अच्छा था.
दर्द से तेरा रोना भी अच्छा था,
तेरी आँखों से निकला वो बूँद सच्चा था.
जो संघर्ष किया तूने
तो तेरा जीना सच्चा था.
जो हुआ, जैसे हुआ,
जब भी हुआ सब अच्छा था.
सब अच्छा था ..........!

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