हौसला उस वक़्त मेरी उम्मीद का कद बढेगा जिस वक़्त मेरे साथ मेरा हौसला चलेगा मन टूट जायेगा, हर नब्ज़ दुखने लगेगी पर दिल का हौसला न डगमगायेग उस वक़्त आँखों में कुछ पाने की चाह चमकेगी और, जिस रह पर चलूंगी, वो रह दमकेगी ले कर जश्न-ऐ -जीत का झंड़ा शान'से नीले आसमा में मेरी आशाए फैलेगी हाथो में ताकत बिजली की होगी और साँसों में रफ़्तार आँधी की होगी गुर्राहट मेरी शेर से ऊँची होगी मेरी हर हरकत तेरी शान से ऊँची होगी जितना ऊँचा मेरा शिखर होगा उतनी तेरी आँखों में चमक भी न होगी नहीं चाहिए कोई राजकुमार सपनो का न कोई महल शान का, न आभूषण चाहिए शरीर के लिए, न चाहिए फूल महकने के लिए, बस एक चाह है हर जंग जीत जाने की योद्धा बनना चाहती हो तलवार से बाते करना चाहती हु सुनना चाहती हु जंग की ललकार एक जंग लड़ना चाहती हु मजबूत की प्रमाण हर नारी है बस पहचान ...
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Showing posts from November 18, 2016
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रक्त - चरित्र रक्त चरित्र है मेरा खून से मैला हुआ, ज़मी पे बिखरा देख उसका गुरुर , मेरे उसूलो संग टूटा पड़ा है रक्त चरित्र है मेरा खून से रंगा हुआ है जितने गहरे मेरे ज़ख़्म के बीज जमे उस से भी गहरे रंग धरती का पड़ा है मेरे अहम का निशा देख, धरती को गहरा किया हुआ है ओढ़े है लाल चादर ज़मी तेरी आसमा भी आंसू बहा रहा है मेरे भीगे केशो से होके बारिश तेरे खून में रंग रहा है खड़ी हु मैं, तेरे अहम् के बगल में निर्जीव तेरा बदन पड़ा है न जाने क्यों, मेरे आँखों के आंसू का भी रंग आज लाल पड़ा है रक्त चरित्र है मेरा आज रंग लाल चढ़ा है माथे का सिन्...