हौसला

उस वक़्त मेरी उम्मीद का कद बढेगा
जिस वक़्त मेरे साथ मेरा हौसला चलेगा
मन टूट जायेगा, हर नब्ज़ दुखने लगेगी
पर दिल का हौसला न डगमगायेग
उस वक़्त आँखों में कुछ पाने की चाह चमकेगी
और, जिस रह पर चलूंगी, वो रह दमकेगी
ले कर जश्न-ऐ -जीत का झंड़ा
शान'से नीले आसमा में मेरी आशाए फैलेगी
हाथो में ताकत बिजली की होगी
और साँसों में रफ़्तार आँधी की होगी
गुर्राहट मेरी शेर से ऊँची होगी
मेरी हर हरकत तेरी शान से ऊँची होगी
जितना ऊँचा मेरा शिखर होगा
उतनी तेरी आँखों में चमक भी न होगी
नहीं चाहिए कोई राजकुमार सपनो का
न कोई महल शान का,
न आभूषण चाहिए शरीर के लिए,
न चाहिए फूल महकने के लिए,
बस एक चाह है हर जंग जीत जाने की
योद्धा बनना चाहती हो
तलवार से बाते करना चाहती हु
सुनना चाहती हु जंग की ललकार
एक जंग लड़ना चाहती हु
मजबूत की प्रमाण हर नारी है
बस पहचान लेने दे खुद को एक बार
फिर फौलाद बन पत्थर रेत जाउंगी
आँखो से अपनी तेरी धडकन चीर जाउंगी

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