वो सड़क का किनारा
किनारा, वो सड़क का किनाराजो थामे था चार रहो को
वो सड़क का किनारा
एक टीन की छत
चार बॉस के खम्बो के सहारे था
जब भी बारिश होती
बचने का वही सहारा था
वो सड़क का किनारा
छोटी सी थी मैं
छोटे मेरे कदम थे
उस वक्त न सोचा था
कितने नसीब वाले हम थे
एक परिवार चलाता था उस से अपना गुज़ारा
वो सड़क का किनारा
गीली हुई बारिश से ठण्ड में काँप रही थी मैं
देने को आना न था , चाय पिलाई थी माँ ने
मेरी ना सही , पर किसी की माँ थी वो
आज भी सर्दी में चाय बहुत याद आती है वो
वही, छोटा सा था उनका बसेरा
वो सड़क का किनारा
एक नन्ही सी जान गोंद में थी
जिस संग मैं बहुत खेलती थी
और, दो छोटे हाथ थे जो बिना भेद किये
चाय बाटा करते थे
बड़ा शांत था उनका मन
मुस्कराहट से भरी थी वो छोटी ज़मीन
एक याद है मेरी , वो सड़क का किनारा
जब भी मन अशंत होता
या झगड़ा होता स्लेट को ले के
कदम रास्ता नाप लेते वहा के
बढ़ते वक्त के साथ
हालात का रुख भी पलटा
वकत से बंधी डोर बढ़ी
जाने क्यों ये समय बदला
स्मरण है मुझे, वो सड़क का किनारा
बचपन से थोड़ी बढ़ी थी मैं
अब दुनिया के जंजाल में फसी थी मैं
कर आयी थी अटूट दोस्ती का वादा
अभी करना था मुझे उनका कुछ क़र्ज़ अदा
कुछ नए कपड़ो पे दाग लगा के
माँ की नज़र से कोई कलाम बचा के
दे आती थी उनको दोस्ती की लाज बचाने
बदले में एक प्याली चाय के
सहारा नहीं साथ था बचपन का
वो सड़क का किनारा
कभी किसी पुरुष को न देखा
दो बच्चो संग एक माँ का था डेरा
वो सड़क का किनारा
डब्बु और डिंपी हो गए है अब बड़े
मुझ से न जाने क्यों है वो दूर खड़े
फासला भी बढ़ गया है कदमो का
वो सड़क का किनारा
छोड़ जाने का दिल न था
पर जो आगे बढ़ने का सपना था
हर वो शाम जो सर्दी की आयी
बारिश वो याद चाय की लायी
प्रयत्न हज़ार करती थी
न जाने किस से डरती थी
अन्धविस्वस ने घर किया था
मुझे दोस्ती से दूर किया था
आज भी याद बहुत आता है
वो सड़क का किनारा
गयी थी मैं
मिलने उनसे , एक छोटी सी डिंपी से मिलने
डब्बू संग खेलने
ले गयी थी वो कागज़ की नाव
लकड़ी की डंडी से चलने वाला वो पहिया
हां, गयी थी मई, गयी थी उनसे मिलने
न जाने कहा खो गया
वकत के साथ सब परिवर्तित हो गया
उड़ती धुल में बस एक कांच का टुकड़ा पड़ा है
एक साडी का टुकड़ा भी मैला पड़ा है
आंसू भी आँख में न रुक पा रहे हैं
न जाने किस बात का गम मन रहे है
सब तो है न जाने किस संग को ढूंढती फिर रही हु
पागलों सी फिर रही हु
सड़क की किनारे
एक मौका न दिया आभार जताने का
मेरी याद
वो सड़क का किनारा
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