है बाकि कुछ बात बाकि
आसमा के अभी कुछ तारे है बाकि
बदलो संग झरने कुछ आंसू है बाकी
है बाकि कुछ बात बाकी
अधूरी सी लगती है ज़मीन
बारिश संग कुछ खून की बूँद गिरनी है बाकि
अनकही सी लगती है हर कहानी
शोर शराबे संग कुछ चीख सुननी है बाकि
है बाकि कुछ बात बाकि
नीले गगन का गहरा पड़ना है बाकि
इस धरती को इंसानियत की जंग देखनी है बाकि
है बाकि कुछ बात बाकि
दर्द है , उसका एहसाह होना बाकि है
आंसू है, आँखों से झरना बाकि है
आज का कल होना बाकि है
अतीत का चेहरा एक बार फिर देखना बाकि है
लाशो के ढेर संग खून की नहर बननी है बाकि
दरिया का रंग लाल होना है बाकि
अभी तो इंसान का शैतान बनना है बाकि
तब विस्वास का अंत होना भी है बाकि
है बाकि कुछ बात बाकि

दबना और कुचलना
अधर्म के पहिये तले जिस्म का टूटना है बाकि
जलना और रख बनना
विरोध की आग में तपना है बाकि
कलम का रुकना
तलवार का उठना
तेरे अनन्याय के विरुद्ध
मेरा जागना है बाकि
अभी मेरे खून का खौलना है बाकि
है बाकि कुछ बात बाकि

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